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अकबर बीरबल के किस्से - भाग 35

मुल्ला नसरुद्दीन और कड़ाके की ठण्ड


एक दिन की बात है । कड़ाके की ठण्ड पड़ रही थी जबकि एक भरी कपडे पहने हुए आदमी ने क्या देखा कि मुल्ला नसरुद्दीन ने नहीं के बराबर कपडे पहने है और बाहर घूम रहा है ।

वह व्यक्ति मुल्ला के पास गया और बोला कि “मुल्ला ! ऐसा क्यों है मेने इतने सारे कपडे पहले हुए है फिर भी मुझे ठण्ड लग रही है जबकि तुमने कड़ाके की ठण्ड में न के बराबर कपडे पहने है फिर भी लग रहा है तुम्हे कोई परवाह नहीं है ।

मुल्ला ने दार्शनिक अंदाज़ में जवाब दिया ” मेरे पास और कपडे नहीं है इसलिए मैं ठण्ड को महसूस करने में सक्षम नहीं हूँ जबकि तुम्हारे पास बहुत सारे कपडे है इसलिए तुम ठण्ड को महसूस करने के लिए स्वतंत्र हो ।” यही वजह है कि मुझे ठण्ड नहीं लग रही है ।

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